टाइप 2 डायबिटीज होने पर शरीर ग्लूकोज को ऊर्जा के रूप में उपयोग नहीं कर पाता है. यह एक दीर्घकालिक स्थिति है. ऐसा होने पर ब्लड में शुगर का स्तर काफी बढ़ जाता है. जब किसी व्यक्ति में शुगर का स्तर बढ़ता है, तो नर्वस सिस्टम और इम्यून सिस्टम प्रभावित होने लगता है. यह अवस्था गंभीर स्वास्थ्य समस्या का कारण बन सकती है, इसलिए टाइप 2 डायबिटीज के जोखिम का अनुमान पहले से ही लगाना जरूरी हो जाता है. जब टाइप 2 डायबिटीज का पता पहले से लग जाता है, तो इसे कंट्रोल में रखने के लिए जरूरी कदम उठाए जा सकते है.
आज इस लेख में आप उस तरीके के बारे में जानेंगे, जिसके जरिए टाइप 2 डायबिटीज के जोखिम का अनुमान लगाना आसान हो सकता है –
(और पढ़ें – टाइप 2 डायबिटीज के खतरे को बढ़ाता है गठिया)
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